http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_4702014.html
खींच लाई पैरों पर खड़ा होने की चाह
Aug 07, 01:10 am
नोएडा, संवाददाता
..वे अभी तक बैसाखी के सहारे ही चल रहे थे। उनका भी अपने पैरों पर चलने का मन करता था, लेकिन कृत्रिम अंग लगवाने पर आने वाला खर्च वहन करना उनके बस में नहीं था। कई तो ऐसे हैं, जिन्होंने एक दशक तक बैसाखी के सहारे ही काट दिया। बाजार में जाकर कृत्रिम पैर, बाजू व टांग आदि फिट करवाने के लिए उनकी जेब में पैसे तक नहीं थे। अब उन्हें आस बंधी है व अपने पैरों पर खड़ा होने की चाहत उन्हें कानुपर, भोपाल, फरीदाबाद, पलवल व मुजफ्फरनगर से नोएडा खींच लाई है।
यह उन सभी लोगों की दास्तां हैं जो किसी न किसी रूप में विकलांग है। यह सभी लोग नोएडा के सेक्टर-33 स्थित अग्रसेन भवन में मारवाड़ी युवा मंच द्वारा आयोजित किए जा रहे निशुल्क कृत्रिम पैर व कैलिपर्स शिविर में बनावटी अंग लगवाने आए हुए हैं। दैनिक जागरण ने इन लोगों की व्यथा को समझा व उनसे इस बारे में बातचीत की।
कानपुर निवासी राजा बाबू शर्मा की 1997 में ट्रेन की चपेट में आने पर टांग कट गई थी। वह अभी तक बैसाखी के सहारे ही चल रहे थे। कृत्रिम टांग लगवाना उसके बस में नहीं था। राजा बाबू दिल्ली में अपने दोस्त के पास आए हुए थे। उन्हें पता चला कि नोएडा में कृत्रिम अंग लगाने का निशुल्क शिविर चल रहा है। वह भी शिविर में चले आए व बुधवार को उन्होंने पंजीकरण करवा दिया।
भोपाल निवासी महावीर सिंह की सड़क पार करते समय 1993 में हुए हादसे में टांग कट गई थी। कृत्रिम अंग लगाना उनके बस में नहीं था। नोएडा में रह रहे उनके रिश्तेदार ने सूचना दी कि यहां पर कृत्रिम अंग लगाने का निशुल्क शिविर आयोजित किया जा रहा है। इसकी सूचना पाकर वह कृत्रिम टांग लगाने यहां चले आए।
गाजियाबाद निवासी भगवत प्रसाद शर्मा को अपनी टांग इसमें सेप्टिक बनने के कारण पांच वर्ष पहले कटवानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने कृत्रिम टांग भी फिट करवाई लेकिन वह ठीक नहीं उतर पाई। इस पर इतना खर्च आ चुका था कि वह दोबारा से इसे लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। वह भी निशुल्क शिविर की खबर पाते ही यहां पर कृत्रिम अंग लगाने चले आए।
सेक्टर-44 निवासी देवेंद्र की दाईं टांग व बाजू बिजली गिरने से खराब हो गए थे। जिन्हें कि सात वर्ष पहले कटवाना। बाजार में कृत्रिम अंग लगाने का खर्चा आठ हजार के करीब बैठ रहा था लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वह कृत्रिम अंग नहीं लगवा पाए।
सेक्टर-66 निवासी रोहताश यादव की बाई टांग चार साल पहले सड़क दुर्घटना में कट गई थी। वह जेब में पैसे न होने पर कृत्रिम अंग नहीं लगा पाए। उन्हें दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार से पता चला तो वह भी निशुल्क कृत्रिम अंग लगवाने चले आए।
खींच लाई पैरों पर खड़ा होने की चाह
Aug 07, 01:10 am
नोएडा, संवाददाता
..वे अभी तक बैसाखी के सहारे ही चल रहे थे। उनका भी अपने पैरों पर चलने का मन करता था, लेकिन कृत्रिम अंग लगवाने पर आने वाला खर्च वहन करना उनके बस में नहीं था। कई तो ऐसे हैं, जिन्होंने एक दशक तक बैसाखी के सहारे ही काट दिया। बाजार में जाकर कृत्रिम पैर, बाजू व टांग आदि फिट करवाने के लिए उनकी जेब में पैसे तक नहीं थे। अब उन्हें आस बंधी है व अपने पैरों पर खड़ा होने की चाहत उन्हें कानुपर, भोपाल, फरीदाबाद, पलवल व मुजफ्फरनगर से नोएडा खींच लाई है।
यह उन सभी लोगों की दास्तां हैं जो किसी न किसी रूप में विकलांग है। यह सभी लोग नोएडा के सेक्टर-33 स्थित अग्रसेन भवन में मारवाड़ी युवा मंच द्वारा आयोजित किए जा रहे निशुल्क कृत्रिम पैर व कैलिपर्स शिविर में बनावटी अंग लगवाने आए हुए हैं। दैनिक जागरण ने इन लोगों की व्यथा को समझा व उनसे इस बारे में बातचीत की।
कानपुर निवासी राजा बाबू शर्मा की 1997 में ट्रेन की चपेट में आने पर टांग कट गई थी। वह अभी तक बैसाखी के सहारे ही चल रहे थे। कृत्रिम टांग लगवाना उसके बस में नहीं था। राजा बाबू दिल्ली में अपने दोस्त के पास आए हुए थे। उन्हें पता चला कि नोएडा में कृत्रिम अंग लगाने का निशुल्क शिविर चल रहा है। वह भी शिविर में चले आए व बुधवार को उन्होंने पंजीकरण करवा दिया।
भोपाल निवासी महावीर सिंह की सड़क पार करते समय 1993 में हुए हादसे में टांग कट गई थी। कृत्रिम अंग लगाना उनके बस में नहीं था। नोएडा में रह रहे उनके रिश्तेदार ने सूचना दी कि यहां पर कृत्रिम अंग लगाने का निशुल्क शिविर आयोजित किया जा रहा है। इसकी सूचना पाकर वह कृत्रिम टांग लगाने यहां चले आए।
गाजियाबाद निवासी भगवत प्रसाद शर्मा को अपनी टांग इसमें सेप्टिक बनने के कारण पांच वर्ष पहले कटवानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने कृत्रिम टांग भी फिट करवाई लेकिन वह ठीक नहीं उतर पाई। इस पर इतना खर्च आ चुका था कि वह दोबारा से इसे लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। वह भी निशुल्क शिविर की खबर पाते ही यहां पर कृत्रिम अंग लगाने चले आए।
सेक्टर-44 निवासी देवेंद्र की दाईं टांग व बाजू बिजली गिरने से खराब हो गए थे। जिन्हें कि सात वर्ष पहले कटवाना। बाजार में कृत्रिम अंग लगाने का खर्चा आठ हजार के करीब बैठ रहा था लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वह कृत्रिम अंग नहीं लगवा पाए।
सेक्टर-66 निवासी रोहताश यादव की बाई टांग चार साल पहले सड़क दुर्घटना में कट गई थी। वह जेब में पैसे न होने पर कृत्रिम अंग नहीं लगा पाए। उन्हें दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार से पता चला तो वह भी निशुल्क कृत्रिम अंग लगवाने चले आए।
News in Dainink Jagran on August 6
निशुल्क कृत्रिम पैर व कैलिपर्स शिविर आज से
Aug 05, 11:43 pm
नोएडा, सं : सेक्टर-33 के अग्रसेन भवन में मारवाड़ी युवा मंच नोएडा छह से दस अगस्त तक निशुल्क कृत्रिम पैर व कैलिपर्स शिविर का आयोजन करेगा। शिविर में दैनिक जागरण मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाएगा। इसमें अत्याधुनिक तरीके से निर्मित कृत्रिम पैर, हाथ, व कैलिपर्स पूरी तरह से निशुल्क लगाए जाएंगे। मंच के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि शिविर में तीन सौ से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इतने बड़े स्तर पर यह पहला प्रयास है कि लोगों को फिर से चलने फिरने लायक बनाया जा सके। तकनीकी देखरेख में लगने वाले यह कृत्रिम अंग इतने मजबूत होते हैं कि इन्हें पहनकर व्यक्ति साईकिल चलाने से लेकर पहाड़ तक पर चढ़ सकता है।
Aug 05, 11:43 pm
नोएडा, सं : सेक्टर-33 के अग्रसेन भवन में मारवाड़ी युवा मंच नोएडा छह से दस अगस्त तक निशुल्क कृत्रिम पैर व कैलिपर्स शिविर का आयोजन करेगा। शिविर में दैनिक जागरण मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाएगा। इसमें अत्याधुनिक तरीके से निर्मित कृत्रिम पैर, हाथ, व कैलिपर्स पूरी तरह से निशुल्क लगाए जाएंगे। मंच के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि शिविर में तीन सौ से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इतने बड़े स्तर पर यह पहला प्रयास है कि लोगों को फिर से चलने फिरने लायक बनाया जा सके। तकनीकी देखरेख में लगने वाले यह कृत्रिम अंग इतने मजबूत होते हैं कि इन्हें पहनकर व्यक्ति साईकिल चलाने से लेकर पहाड़ तक पर चढ़ सकता है।
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